शोभित विश्वविद्यालय में अपराधिक विधि मे संशोधनों के लिए अधिनियमित भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम के उद्देश्य के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

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अपराधिक विधि मे संशोधनों के लिए अधिनियमित भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम के उद्देश्य, उनके प्रावधानो के प्रभावों की व्याख्या पर चर्चा के लिए स्कूल ऑफ लॉ एंड कॉन्स्टिट्यूशनल स्टडीज, शोभित सम विश्वविद्यालय, मेरठ एक दिवसीय संवादात्मक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमे प्रतिभाग के लिए मेरठ, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, बुलन्दशहर, सहारनपुर तथा हापुड मे कार्यरत 151 पुलिस निरीक्षकगण व उपनिरीक्षकगण नामित किए गए थे जिनमे से 121 अधिकारीगण द्वारा सहभागिता की गई। कार्यशाला को डी के ठाकुर, आईपीएस, अपर पुलिस महानिदेशक, मेरठ जोन; शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र; प्रभारी कुलपति प्रो. (डॉ) जयानंद, कुलसचिव डॉ. गणेश भारद्वाज, निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार गोयल, तथा सहायक प्रोफेसर डॉ कुलदीप कुमार, डॉ प्रताप दास, डा पल्लवी जैन, डा सीमा मोदी तथा शुभम शर्मा ने सम्बोधित किया।

कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डी के ठाकुर ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि शोभित विश्वविद्यालय की यह पहल काबिले तारीफ है जिस प्रकार शोभित विश्वविद्यालय ने प्राथमिकता करते हुए कानून में हुए बदलावों को हमारे पुलिस अधिकारियों तक पहुंचने में जो बड़ा महत्वपूर्ण योगदान दिया है वह बहुत सराहनीय है। जिस प्रकार एक ही छत के नीचे सभी हमारे पुलिस अधिकारी एवं विश्वविद्यालय के छात्र एक साथ बैठकर ज्ञान अर्जन कर रहे हैं यह देख कर अच्छा लगता है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिस प्रकार कानून में संशोधन हो रहे हैं और हमारे पुलिस अधिकारी इन संशोधनों को जानने की जिज्ञासा रख रहे हैं और जल्द से जल्द उनको समझाना चाहते हैं यह सराहनीय है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री कुंवर शेखर विजेंद्र ने सभी पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा पहला उद्देश्य ज्ञान का सर्जन होना चाहिए उन्होंने कहा कि क्रिएशन आफ नॉलेज होना अनिवार्य है और क्रिएशन आफ नॉलेज तब होगी जब आप सभी अधिकारीगण हमारे बच्चों के साथ अपने एक्सपीरियंस साझा करेंगे। उन्होंने एडीजे साहब से आग्रह किया है कि भविष्य में जब इस तरह की कार्यशालाएं दोबारा हो तो उसमें महिला अधिकारियों की हिस्सेदारी ज्यादा होनी चाहिए।


इस कार्यशाला का एकमात्र उद्देश्य पुलिस कर्मियों को नए अधिनियमित कानूनों, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता 2023 के बारे में तुलनात्मक जानकारी देना था ताकि उक्त विधानों के लागू होने पर हम स्वयं को तैयार पायें और उक्त कानूनों को उनके उददेश्य के अनुरूप सक्षमता से लागू कर जनता को उनका संरक्षण प्रदान कर न्याय पाने की अभिलाषा पूर्ण करने में सहायक हो सके।


लेफ्टिनेंट डॉ. कुलदीप कुमार तथा छात्र स्वयंसेवकों के सहयोग से विभिन्न जिलों के 121 पुलिस कर्मियों की भागीदारी के साथ यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम के अंत में सभी लोगों को सर्टिफिकेट श्री डी के ठाकुर, आईपीएस, अपर पुलिस महानिदेशक, मेरठ जोन द्वारा सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।


पूरा कार्यक्रम पुलिस कर्मियों और शोभित विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों दोनों के लिए एक समृद्ध और ज्ञानवर्धक अनुभव था।

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