प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने ग्राम मछरी दौराला में की हरीशंकरी वाटिका की स्थापना

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प्रभारी मंत्री ने उपस्थित जन समुदाय से गऊशालाओं में पौधारोपण किये जाने का किया आह्वान

गरीबी दूर करने का माध्यम वृ़क्ष, वृक्षों के साथ सीखे रहना- प्रभारी मंत्री

लक्ष्य के सापेक्ष लगाए वृक्ष, वृक्ष परिवार के सदस्य की तरह-धर्मपाल सिंह

एक वृक्ष काटा जाए तो लगाएं दस वृक्ष-प्रभारी मंत्री

गोशाला में ट्री-गार्ड के साथ लगाएं वृक्ष-धर्मपाल सिंह

मंत्री एवं अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा सर्वधर्म वाटिका की स्थापना कर किया गया 51 प्रजातियों के पौधों का रोपण

                                     मुख्यमंत्री  की प्राथमिकता कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 2023 वर्षाकाल में जनपद मेरठ हेतु नामित प्रभारी मंत्री  धर्मपाल सिहं, मंत्री पशुधन, दुग्ध विकास, राजनैतिक पेंशन, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज तथा नागरिक सुरक्षा उत्तर प्रदेश शासन की गरिमामय उपस्थिति में ग्राम मछरी (दौराला) की सामुदायिक भूमि में हरिशंकरी वाटिका की स्थापना की गयी। जिसमें पीपल, बरगद व पाकड के पौधों का पौधारोपण किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित जन समुदाय से गऊशालाओं में पीपल, गूलर, जामुन, बरगद व पाकड के पौधों का रोपण किये जाने का आह्वान भी किया गया ।
रामचरित मानस में हरिशंकरी के वृक्षों का महत्व निम्न प्रकार किया गया है - 
        पीपर तरू तर ध्यान जो धरई।
        जाप जज्ञ पाकरि तर करई।।
        ऑंब छॉह करि मानस पूजा।
        तजि हरि भजन काजु नहीं दूजा ।।
        बर तर कह हरि कथ प्रसंगा ।
        आवहिं सुनहिं अनेक विहंगा ।।
    “अर्थात वह पीपल के वृक्ष के नीचे ध्यान करता है, पाकड के नीचे जप यज्ञ करता है, आम की छाया में मानसिक पूजा करता है, श्री हरि के भजन को छोडकर उसे दूसरा कोई काम नहीं है। बरगद के नीचे वह श्री हरि के कथाओं के प्रसंग कहता है वहां अनेक पक्षी आकर कथा सुनते हैं।“ 
प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने वृक्षों के महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा कि जहां वृक्ष होते है वहां वर्षा होती है और जहां जल है वहां शिव है और जहां शिव है वहां कल्याण है इसलिए इस कल्याणकारी कार्यक्रम में आकर अभिभूत हूं।
कोरोना काल में पीपल की महत्ता को देखा गया। उन्होंने कहा कि पेड़ हमारी धरती का श्रंगार है इसलिए प्रत्येक नागरिक को अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि एक वृक्ष काटा जाए तो 10 वृक्ष लगाए जाएं आर्थिक रूप से भी वृक्ष हमारे लिए महत्वपूर्ण साधन है। गरीबी को दूर करने के लिए वृक्ष के विभिन्न उत्पाद हमारी आर्थिक समृद्धि में देखे जा सकते हैं। वृक्ष हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण हैं इसको ध्यान में रखते हुए वृक्ष के साथ रहना सीखें।

प्रभारी मंत्री  ने अपील करते हुए कहा कि पांच प्रकार के वृक्ष अवश्य लगाएं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि गौशाला में ट्री गार्ड के साथ वृक्ष लगाएं तथा समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि समग्र प्रयासों से जनपद को प्राप्त लक्ष्य के सापेक्ष पौधारोपण कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों से आए छात्र-छात्राओं को माननीय मंत्री जी ने वृक्षों के प्रति लगाव की शिक्षा प्रदान करते हुए उनको अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने हेतु प्रोत्साहित किया। 
प्रभारी मंत्री  धर्मपाल सिंह द्वारा हरिशंकरी वाटिका के सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि भगवान श्रीहरि विष्णु, भगवान शंकर की छायावली को ही हरिशंकरी कहा जाता है। पौराणित मान्यताओं के अनुसार पीपल को भगवान विष्णु व बरगद को भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है। वहीं पाकड को वनस्पति जगत का अधिपति नायक कहा जाता है । पीपल, बरगद और पाकर के पौधों को एक ही स्थान पर रोपित करने पर संयुक्त वृक्ष को हरिशंकरी कहा जाता है । तीनों वृक्षों के तने विकसित होने पर एक ही वृक्ष दिखाई देते हैं । जिनके विकसित होने पर राहगीरों के साथ ही पशु पक्षियों को आश्रय मिलता है । हरीशंकरी में तमाम पशु-पक्षियों व जीव-जन्तुओं को आश्रय एवं खाने को फल मिला है । इस पुण्यफल की बराबरी कोई भी दान नहीं कर सकता । हरीशंकरी कभी भी पूर्ण पत्ती रहित नहीं होती है । ये वृक्ष पर्यावरण संरक्षण व जैव विविधता संरक्षण की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ प्रजातियां मानी गयी हैं ।
कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधियों द्वारा सर्वधर्म वाटिका की स्थापना कर विभिन्न 51 प्रजातियों के पौधों का रोपण किया गया । जिनमें आंवला, जामुन, शीशम, बांस, पीपल, बरगद, पाकड, रीठा, बेल, ढाक, खैर, अर्जुन, मोलश्री, सेमल, जकरैण्डा, कटहल, मदार, शमी, कदम्ब, आम, नीम, महुआ, वटवृक्ष, चितवन , सिरस, बहेडा, ब्रह्मी, तुन, अशोक, चम्पा, कचनार, हरड, अमलताश, हारश्रंगार, गुडहल, पपीता, गुलाब, तुलसी, गिलोय, कुश, शहतूत, बेर, कनेर, चकरेसिया, लटजीरा, अश्वगंधा, केला, पुत्रंजीवा, दूब, पपीता व गूलर सम्मिलित हैं । 
 मंचासीन वक्ताओं द्वारा अवगत कराया गया कि भारतीय वन सर्वेक्षण के अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य में विगत 06 वर्षों में लगभग 80,000 हैक्टेयर तथा जनपद मेरठ में हरित आवरण में 2.55 से 2.67 प्रतिशत की वृद्धि हुई है । जिसमें निरन्तर वृद्धि हो रही है । यह भी अवगत कराया गया कि एक सामान्य वृक्ष प्रतिवर्ष 25 किलोग्राम कार्बन डाई आक्साईड का अवशोषण करता है तथा प्रतिवर्ष लगभग 118 किलोग्राम ऑक्सीजन उत्सर्जन करता है । एक स्वस्थ पेड हर दिन लगभग 300 ग्राम ऑक्सीजन छोडता है । जिससे 4 लोगों को प्राण वायु मिल पाती है  जनपद मेरठ में ग्राम्य विकास अभिकरण द्वारा प्रत्येक ग्राम में ग्राम वन की स्थापना की जा रही है तथा मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा ग्रांम राली चौहान में 3.64 हैक्टेयर में 1600 पौधों का रोपण कर नंदन वन की स्थापना की गयी है । वन विभाग द्वारा मनोहरपुर ग्राम समाज की भूमि पर आयुष वन की स्थापना की जा रही है।
प्रभागीय निदेशक, मेरठ द्वारा अवगत कराया गया कि वृक्षारोपण महाअभियान 2023 के अन्तर्गत 22 जुलाई 2023 को किये जाने वाले पौधारोपण में लगभग 690000 फलदार पौधों जिनमें जामुन, अमरूद, आंवला, अनार, नींबू, करोदा, आम आदि लगभग 345000 इमारती प्रजातियां यथा-शीशम, सागौन मीलिया डुबिया औषधीय पौधों यथा- अर्जुन, बहेडा, नीम, आंवला, मोलश्री आदि की लगभग 115000 पौधों तथा अन्य विभिन्न मिश्रित प्रजातियां यथा बांस, अर्जुन, अमलतालश, कचनार, गुलमोहर लगभग 1150000 आदि का रोपण किया जा रहा है । प्रभागीय निदेशक, मेरठ द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि  मुख्य मंत्री मंशानुसार उक्त वृक्षारोपण अभियान 2023 को एक पर्व के रूप में मनाते हुए सभी धर्मों, समुदायों, स्वयंसेवी संस्थाओं, मीडिया बन्धुओं, एनसीसी कैडेटस, स्कूली छात्रों, विभिन्न राजकीय कार्यदायी विभागों आदि का सहयोग प्राप्त कर अभियान को सफल बनाया गया है ।
इस अवसर पर  गौरव चौधरी, मा0 अध्यक्ष, जिला पंचायत, मेरठ, श्रीमति सरोजनी अग्रवाल सदस्य विधान परिषद,  धर्मेन्द्र भारद्वाज  सदस्य विधान परिषद,  दीपक मीणा जिलाधिकारी, मेरठ, शशांक चौधरी मुख्य विकास अधिकारी मेरठ,  राजेश कुमार प्रभागीय निदेशक, मेरठ, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व), अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) मुख्य पशु चिकित्साधिकारी मेरठ, उप जिलाधिकारी सरधना, गर्ल्स इन्टर कॉलेज, मल्लूपुरा, राजकीय कन्या इन्टर कॉलेज, एन0सी0सी0 कैडैट्स एवं आस पास के विभिन्न गणमान्य व्यक्ति एवं ग्रामीण भी उपस्थित रहे।

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