राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के तत्वाधान में तथा जिला न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मेरठ की अध्यक्षता में दीवानी न्यायालय, मेरठ बाह्य न्यायालय एवं तहसील सरधना व मवाना में भी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह समझौते से वादों का निस्तारण किया गया। इस बार राष्ट्रीय लोक अदालत की खास बात यह रही की अन्य मामलों के साथ-साथ कई घर और परिवार भी उजड़ने से बचे और आपसी समझौते और सुलह के बाद पति पत्नी खुशी-खुशी अपने घर भी गए। अपर प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट बीना नारायण और पुष्पा सिंह ने बताया कि लोक अदालत में तत्वरित न्याय मिलता है और परिवार और पति-पत्नी को समझा कर आपसी समझौते के आधार पर मुकदमों का निस्तारण होता है।
रजत सिहं जैन जिला न्यायाधीश मेरठ द्वारा 03 दीवानी वादों का निस्तारण किया गया तथा अंकन 12,96,000/- रूपये समझौते के रूप प्रदान की गयी। अमन कुमार श्रीवास्तव, सिविल जज सी०डि० मेरठ द्वारा 22 दीवानी वादों का निस्तारण किया गया। सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उदयवीर सिंह ने बताया कि सुलह समझौते के आधार पर कुल 1,14,216 वादो का निस्तारण किया गया है।
वीणा नारायण, अपर प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय संख्या-01 मेरठ द्वारा 65 वैवाहिक वादो का निस्तारण किया गया तथा 04 वादो में पति-पत्नि को साथ-साथ भेजा गया।
पुष्पा सिहं, अपर प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय संख्या-02 मेरठ द्वारा 64 वैवाहिक वादो का निस्तारण किया गया तथा 07 वाद में पति-पत्नी को साथ-साथ भेजा गया।
संजय कुमार यादव-तृतीय, पीठासीन अधिकारी भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन प्राधिकरण, मेरठ द्वारा 05 वादो का निस्तारण किया गया।
सुनील कुमार पंचम्, पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना प्रतिकर दावा अधिकरण (दक्षिण क्षेत्र) मेरठ द्वारा 61 वादों का निस्तारण किया गया तथा अंकन 4,01,05,500/- रूपये प्रतिकर के रूप में प्रदान किये गये।
शैलेन्द्र पाण्डेय, पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना प्रतिकर दावा अधिकरण (उत्तर क्षेत्र) मेरठ द्वारा 175 मोटर दुर्घटना प्रतिकर वादों का निस्तारण किया गया तथा अंकन 5,44,24,800/- रूपयें प्रतिकर के रूप में प्रदान किये गये।
सत्या नन्द उपाध्याय, पीठासीन अधिकारी, वाणिज्यिक न्यायालय संख्या-01 मेरठ द्वारा 53 वादों का निस्तारण किया गया।
वेद प्रकाश वर्मा, पीठासीन अधिकारी, वाणिज्यिक न्यायालय संख्या-02 मेरठ द्वारा 07 वादो का निस्तारण किया गया तथा अंकन 73,33,957/-रूपये समझौते के रूप में प्रदान की गयी।
श्पद्माकर मणि त्रिपाठी, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय मेरठ द्वारा 110 वैवाहिक वादों का निस्तारण किया गया तथा 17 वादो में पति-पत्नि को साथ-साथ भेजा गया।
आभा गुप्ता, पीठासीन अधिकारी श्रम न्यायालय मेरठ द्वारा ०३ वादो का निस्तारण किया गया तथा अकन 60,000/- रूपये समझौते के रूप प्रदान की गयी।
भोपाल सिहं, अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता फोरम, मेरठ द्वारा 22 वादो का निस्तारण किया गया तथा अंकन 29,87,171/- रूपये समझौते के रूप में प्रदान की गयी।
रीता सिहं, अध्यक्ष, स्थायी लोक अदालत, मेरठ द्वारा 06 वादो का निस्तारण किया गया तथा अंकन 1,16,27,055/- रूपये समझौते के रूप में प्रदान किये गये।
आकांक्षा मिश्रा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मेरठ द्वारा 4,638 फौजदारी वादो का निस्तारण किया गया तथा अकन 2,84,150/-रूपये अर्थदण्ड के रूप में वसूल किये गये।
शैलेश पांडे विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मेरठ द्वारा 22 फौजदारी वादों का निस्तारण किया गया तथा अंकन 16,700/-रूपये का अर्थदण्ड वसूल किया गया।
नदीम अनवर, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायालय संख्या-01 मेरठ द्वारा 1,533 फौजदारी वादों का निस्तारण तथा अंकन 1,78,040/-रूपये अर्थदण्ड के रूप में वसूल किये गये।
अनुज कुमार ठाकुर, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायालय संख्या-04 मेरठ द्वारा 1274 फौजदारी वादों का निस्तारण किया गया तथा अंकन 14480/- रूपये का अर्थदण्ड वसूल किया गया।
प्राची अग्रवाल, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, न्यायालय संख्या-02 मेरठ द्वारा 5039 सर्वाधिक फौजदारी वादों का निस्तारण किया गया तथा अंकन 11550/- रूपये का अर्थदण्ड वसूल किया गया। साथ ही साथ अन्य न्यायिक अधिकारीगण द्वारा भी राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाये जाने हेतु भरसक प्रयास किया गया।
जिला प्रशासन मेरठ द्वारा 85,433 राजस्व, फौजदारी, श्रम्, बैंकिग तथा अन्य प्री-लिटीगेशन वादों का निस्तारण किया गया तथा अंकन 1,13,000,00/- रूपये समझौते के रूप प्रदान किये गये।
इस प्रकार आज आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 1,14,216 वादो का निस्तारण आपसी सुलह समझौते के आधार पर किया गया तथा अंकन 13,88,76,347 रूपये अर्थदण्ड व समझौता धनराशि के रूप में प्रदान किये गये। राष्ट्रीय लोक अदालत में बी०डी०एस० लॉ कॉलेज मेरठ के विधि छात्रों द्वारा न्यायालय का भ्रमण किया गया।