श्रुतकीर्ति आर्ट्स के तत्वाधान मे 14 और 15 मई को आयोजित किए गए लिप्पन आर्ट और समकालीन कला की प्रारंभिक कार्यशाला में 25 प्रतिभागियों ने भाग लिया । कार्यशाला में मुख्य अतिथि नूपुर गोयल, मुख्य विकास अधिकारी , मेरठ ने सम्मेलित होकर कार्यशाला में प्रतिभागी महिलाओं के द्वारा किए गए कार्य को सराहा एवम उन्हें प्रोत्साहित किया . श्रुतकीर्ति आर्ट्स की निदेशिका शिप्रा शर्मा ने मुख्य अतिथि को आने के लिए धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया।यह कार्यशाला पारंपरिक कलाओं को प्रोत्साहित और पुनर्निर्माण करने में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। लिप्पन आर्ट, जो गुजरात की पारंपरिक कला है, इस कार्यशाला में मुख्य धारा के रूप में प्रस्तुत था , जिससे सम्बंधित कलाओं का प्रशिक्षण और संदर्भ प्रदान किया गया।श्रुतकीर्ति आर्ट्स की निदेशिका, शिप्रा शर्मा ने कहा, ” हमने लोक कला के प्रोत्साहन के लिए इस कार्यक्रम को आयोजित किया है जो कि प्रतिभागियो के लिए पूर्णत: निशुलक है ।
इस कार्यशाला में प्रतिभागियों को लिप्पन कला, मंडाला कला, वर्ली कला आदि के बारे में जानकारी दी गई और इन कलाओं की बारीकियां के बारे में प्रशिक्षित किया गया। हम विशेष रूप से आज के अतिथियों का धन्यवाद करते हैं, जो हमारे कार्यक्रम को और अधिक महत्वपूर्ण बनाने के लिए हमारे साथ खड़े हुए हैं।इस कार्यशाला के माध्यम से, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजीवन करने और आधुनिक कलाओं के साथ मिलान को बढ़ावा दिया गया है। यह कार्यक्रम समृद्ध विचारों का आदान-प्रदान करने का एक माध्यम भी साबित हुआ है, जो कला के क्षेत्र में नए उत्थानों को जन्म दे सकते हैं।