आईसीएआई ने किया जीसीसी समिट 2025 का उद्घाटन

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देश में ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटरों को सशक्त बनाने का लक्ष्यराष्ट्रव्यापी जीसीसी समिट सीरीज़ की शुरूआत दिल्ली में हुई, सम्मेलन के दौरान इनोवेशन, नीतिगत सुधारों पर होगा विचार-विमर्शआईसीएआई भरोसे, टेक्नोलॉजी एवं प्रतिभा के साथ भारत में जीसीसी के विकास की कहानी को दे रहा गतियह बदलावकारी सम्मेलन सरकार, उद्योग एवं चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स को एकजुट कर देश में जीसीसी के भविष्य को देगा नया आयाम इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने नई दिल्ली में जीसीसी समिट का उद्घाटन किया।

इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य भारत में ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटरों (जीसीसी) के भविष्य को आकार देना और उन्हें सशक्त बनाना है। सम्मेलन का उद्घाटन भारत सरकार में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव सीए महावीर सिंघवी ने किया, जो इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। उद्घाटन समारोह में आईसीएआई के मार्गदर्शक सीए, चरणजोत सिंह नंदा, प्रेज़ीडेन्ट, आईसीएआई; सीए प्रसन्ना कुमार डी, वाईस प्रेज़ीडेन्ट, आईसीएआई; सीए संजीब संघी, कन्वेनर, ग्रुप टू प्रोमोट इंडिया ऐज़ अकाउन्टिंग जीसीसी; सीए अभय छाजेड़, डिप्टी कन्वेनर, ग्रुप टू प्रोमोट इंडिया ऐज़ अकाउन्टिंग जीसीसी और सीए (डॉ) संजीव कुमार सिंघल, प्रोग्राम डायरेक्टर, ग्रुप टू प्रोमोट इंडिया ऐज़ अकाउन्टिंग जीसीसी- भी मौजूद रहे। सभा को सम्बोधित करते हुए सीए महावीर सिंघवी, संयुक्त सचिव, गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा, ‘‘जीसीसी भारत की सर्विस इकोनोमी में बदलावकारी परिवर्तन का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो अगले मुख्य निर्यात के रूप में उभर रहे हैं तथा जोखिम प्रबन्धन, डिजिटल टैक्स अडवाइज़री एवं ईएसजी रिपोर्टिंग जैसे क्षेत्रों में सामरिक क्षमता प्रदान करते हैं। चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स इस अभियान का केन्द्र बिन्दु हैं, जो न सिर्फ विश्वस्तरीय कंपनियों को सपोर्ट करते हैं बल्कि उनकी योजनाओं को आकार भी देते हैं। 1700 से अधिक जीसीसी भारत में अपना संचालन कर रहे हैं, एक अनुमान के मुताबिक यह सेक्टर 2030 तक 100 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा।’इस अवसर पर सीए चरणजोत सिंह नंदा, प्रेज़ीडेन्ट, आईसीएआई ने कहा, ‘‘चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स भारत को विकसित देश के रूप में स्थापित करने में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं। आज ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटरों (जीसीसी) में 80,000 से अधिक प्रोडफेशनल्स के साथ, हमारे सीए ग्लोबल स्ट्रैटेजी, गवर्नेन्स एवं एंटरेप्रेन्योरशिप को आकार दे रहे हैं। इस सम्मेलन के माध्यम से हम अपने इंटरनेशनल चैप्टर्स को इसी सोच को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाना चाहते हैं। तो याद रखें, हम जो सोच सकते हैं, उसे हासिल भी कर सकते हैं। अनुशासन, परिप्रेक्ष्य और गर्व के साथ भारत के सीए न सिर्फ बदलाव में योगदान दे रहें हैं बल्कि इसका नेतृत्व भी कर रहे हैं।’इस दो दिवसीय जीसीस सम्मेलन का विषय है ‘फ्रॉम लेजर्स टू ग्लोबल लीडरशिप’। इसका उद्देश्य भारत के जीसीसी सेक्टर के विकास को गति प्रदान करने के लिए चर्चा, इनोवेशन एवं कार्यान्वित किए जा सकने वाले रूझानों को बढ़ावा देना है। जीसीसी सेक्टर को ग्लोबल सर्विसेज़ इकोनोमी का मुख्य स्तंभ माना जाता है। सीए प्रसन्ना कुमार डी, वाईस प्रेज़ीडेन्ट, आईसीएआई ने कहा, ‘‘हम भविष्य के लिए तैयार प्रतिभा और विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स को बढ़ावा देकर हमारे प्रोफेशनल्स को सशक्त बना रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार भारत में 2030 तक 2000 नए ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जिससे 2.5 मिलियन से अधिक प्रोफेशनल्स (चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स सहित) के लिए नौकरियों के अवसर उत्पन्न होंगे। ऐसे में पाठ्यक्रम में सुधार तथा भरोसे, टेक्नोलॉजी एवं प्रतिभा पर फोकस करते हुए आईसीएआई भारत को क्षमता-उन्मुख विकास के विश्वस्तरीय गंतव्य के रूप में मजबूती से स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’एक विशेष सत्र ‘इंडियाज़ विज़नः पॉलिसी ड्राइव टू अट्रैक्ट जीसीसी’ के दौरान श्री संजीव सान्याल, प्रधानमंत्री की इकोनोमिक अडवाइज़री काउन्सिल के सदस्य ने कहा, ‘‘भारत अब केवल सपोर्टिंग भूमिका में नहीं है; यह नेतृत्व के लिए तैयार है। आधुनिक जीसीसी, मजबूत नीतिगत सुधारों और विश्वस्तरीय प्रतिभा के साथ भारत विश्वस्तर पर मान्यता प्राप्त फर्मों के निर्माण के लिए तैयार है। समय आ गया है कि हम आने वाले कल के लिए बड़ी भारतीय फर्मों का गठन करें, जो दुनिया पर गहरा प्रभाव उत्पन्न कर सकती हैं। सीमाओं के दायरे से आगे बढ़कर, कुछ बड़ा सोच कर और आपसी सहयोग के द्वारा भारत अपनी पूर्ण क्षमता का लाभ उठा सकता है। दुनिया यह सब देख रही है और अब सभी को भारत के उपर उठने का इंतज़ार है।’ सीए संजीब संघी, कन्वेनरी, ग्रुप टू प्रोमोट इंडिया ऐज़ अकाउन्टिंग जीसीसी ने कहा, ‘‘चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट अब केवल बुक-कीपर नहीं रहे, वे निर्णय निर्माता बन चुके हैं। वे कारोबार की योजनाएं बनाने और विकास को गति प्रदान करने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। जीसीसी मुवमेन्ट एक सोच, बदलाव और आपसी सहयोग के बारे में है। तो आइए इस आंदोलन का नेतृत्व करें और भारत को अकाउन्टिंग की उत्कृष्टता के लिए ग्लोबल हब के रूप में स्थापित करें।’’सम्मेलन के पहले दिन भारत में जीसीसी के भविष्य पर कई सत्र एवं विचार-विमर्श आयोजित किए गए। सत्रों के दौरान जाने-माने प्रवक्ताओं ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई जैसे भारत का नीतिगत रोडमैप, उभरते हब जैसे आईएफएससी, गिफ्ट सिटी, ईएसजी इंटीग्रेशन तथा ग्लोबल इनेबलर्स के रूप में चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स की भूमिका। कई अन्य सत्रों के दौरान एआई टूल्स, ब्रांडिंग, प्रतिभा के अधिग्रहण, जीसीसी 4.0 के लिए आवश्यक कौशल तथा भारत की जीसीसी यात्रा में नीति, इनोवेशन और प्रतिभा के बीच तालमेल जैसे विषयों पर विचार रखे गए। सम्मेलन 28 जून को भी जारी रहेगा, दूसरे दिन भी टेक्नोलॉजी अडॉप्शन, भविष्य के लिए तैयार कौशल, विनियामक उत्कृष्टता, सीमा पार आपसी सहयोग जैसे विषयों पर विचार-विमर्श होगा। ये सभी सत्र जीसीसी सिस्टम में भारत के स्थायी नेतृत्व का मार्ग प्रशस्त करेंगे।नई दिल्ली में पहले आईसीएआई जीसीसी समिट के सफल लॉन्च के साथ आईसीएआई ने राष्ट्रव्यापी जीसीसी समिट सीरीज़ 2025 की शुरूआत की है, जिसके आगामी संस्करणों का आयोजन अहमदाबाद (गिफ्ट सिटी), मुंबई और हैदराबाद में होगा। यह ऐतिहासिक सीरीज़ विश्वस्तरीय हितधारकों, उद्योग जगत के लीडरों एवं फाइनैंस प्रोफेशनल्स को एक मंच पर लेकर आएगी तथा उन्हें जीसीसी सिस्टम में स्ट्रैटेजी, इनोवेशन और डिजिटल लीडरशिप को बढ़ावा देने में चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स की उभरती भूमिका पर चर्चा का अवसर प्रदान करेगी।

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