तीन दिवसीय राष्ट्रीय गायन कार्यशाला का हुआ समापन

Blog

जिया मानत नाही, कैसे समझाऊ, टप ख्याल में आलाप, लयकारी, बोल बाँट बहलावा व तानों में प्रो. जयंत खोत ने दिया प्रशिक्षण

मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के परफॉर्मिंग आर्ट्स विभाग में चल रही तीन दिवसीय राष्ट्रीय गायन कार्यशाला का भव्य समापन किया गया। कार्यशाला में ग्वालियर घराना के मूर्धन्य कलाकार प्रो. जयंत खोत ने शिरकत करते हुए विद्यार्थियों का अपनी कला से ज्ञान वर्धन किया। कार्यशाला का शुभारंभ प्रो. जयंत खोत, कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी. के. थपलियाल, डॉ. पवन तिवारी, डीन डॉ.पिन्टू मिश्रा, प्रो. भावना ग्रोवर ने मॉ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया।
प्रो. जयंत खोत ने कार्यशाला के विषय “ग्वालियर घराने की विविध गायन शैलियाँ यथा ख्याल, टप ख्याल, अष्टपदी, तराना, चतुरंग, टप्पा” आदि गायन शैलियों पर भिन्न-भिन्न प्रकार की बंदिशों को सिखाया।

उन्होंने सम भूपाली में अष्टपदी जय जय देव हरे तराना व रास का पद सिखाया। इसके अलावा राग यमन जिसके अन्तर्गत टप खयाल की बंदिश जिया मानत नाही, कैसे समझाऊ टप ख्याल में आलाप, लयकारी, बोल बाँट बहलावा व तानों का प्रशिक्षण दिया। एक अन्य टप ख्याल जो तिलवाला ताल में निबद्ध है, तुम तो साहेब जमाने, औलिया मिले दरकरार व तुम तो हो अपरंपार, पालनहार भवन के एक आधार बंदिशों को सिखाया। उन्होंने द्रुत तीनताल में एक बंदिश – करीम करतार सरीब नवाज का सुंदर प्रशिक्षण किया। उन्होंने अंत में राग खमाज के दो टप्पो से शुरुआत की, जिसके बोल – चाल पहचानी व राग खमाज में एक तराना सिखाया। राग काफी में भी प्रो. खोत ने दो टप्पे अत्यंत सुंदर सिखाए।

प्रो० जयंत खेत के सम्मान में सत्यजीत रे प्रेक्षागृह में सुभारती परफॉर्मिंग आर्ट्स विभाग के छात्र – छात्राओं द्वारा एक सांस्कृतिक शाम में लोक वाद्य वृंद, भारतीय समूह गायन, कथक नृत्य, गजल व कालबेलिया लोक नृत्य का भव्य प्रस्तुती दी गई। जिसमें आलिया खान, आलिया अलिमा खान, रिद्धि, शिवाली, आद्या, दर्शिनी, अक्षत, नचिकेता, अनिकेत, अरूण, रोहित, जयंत, रजत, आकाश, खुशी, रिया यादव, रिया आनंद, तान्या भगत, पार्थ दुआ आदि ने प्रस्तुति दी।

विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी. के. थपलियाल व अन्य पदाधिकारियों ने प्रो. जयंत खोत को उनकी उत्कृष्ट प्रस्तुति पर सम्मानित किया। प्रो. जयंत खोत के साथ लखनऊ से पधारे डॉ. पवन तिवारी को भी सम्मानित किया गया। सांस्कृतिक संध्या में प्रो. खोत ने भी अपनी प्रस्तुति दी जिसमें, उन्होंने टप ख्याल व मीरा का भजन गाया। उन्होंने संगीत संबंधी प्रश्न के उत्तर देकर विद्यार्थियों की जिज्ञासा को शांत किया।

कार्यशाला के सफल संयोजन होने पर विभागाध्यक्ष प्रो. भवना ग्रोवर ने प्रो. जयंत खोत का आभार व्यक्त किया। डीन डॉ. पिन्टू मिश्रा ने विभाग के सभी सदस्यों व छात्र – छात्राओं को बधाई दी।
कार्यशाला में प्रो. खोत की सांगीतिक संगति मेहराज खां व तबले पर फरदीन हुसैन ने की। कार्यशाला में डॉ. श्वेता चौधरी, डॉ. इंद्रेश मिश्रा, डॉ. दीपक, निशि चौहान, श्वेता सिंह, भुवन भटनागर आदि का सहयोग रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *