शिविर में दिया रोजगार प्रशिक्षण

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बेकार की वस्तुओं से उपयोगी चीजे बनाना सिखाया”

बालक बालिकाओं ने उत्साह के साथ बेकार की वस्तुओं से काम की चीजे बनाना सिखा

एन ए एस कॉलेज, मेरठ की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई “प्रथम” के “सात दिवसीय विशेष शिविर” के तीसरे दिन बेकार की वस्तुओं से उपयोगी वस्तुएं बनाने का प्रशिक्षण स्थानीय लोगों को दिया गया शिविर के प्रथम सत्र में स्वच्छता अभियान चलाकर श्रमदान स्वयंसेवक और सेविकाओं ने किया तथा बेकार की वस्तुओं से उपयोगी सुंदर और आकर्षक वस्तुएं बनाई दोपहर के भोजन के उपरांत द्वितीय सत्र में स्थानीय बालको व बालिकाओं को घर तथा आसपास की बेकार की वस्तुओं से उपयोगी , सुंदर और रोजमर्रा के काम में आने वाली वस्तुएं बनाना सिखाए।

कार्यशाला में बतौर विशिष्ट अतिथि तथा विषय विशेषज्ञ डॉ पूर्णिमा वशिष्ठ एवं डॉ शालिनी धामा,असिस्टेंट प्रोफेसर ललित कला विभाग चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ द्वारा इसका प्रशिक्षण दिया गया जिसके अंतर्गत फालतू के पीवीसी पाइप अखबार की रद्दी, घी तथा रिफाइंड तेल के खाली डब्बे, कांच की चूड़ियों, गत्ता, कपड़ों की कतरनों मुल्तानी मिट्टी, रस्सी, सुतली, पुरानी मटकी, पुरानी कांच वह प्लास्टिक की बोतल, रंगीन कागज आदि से लैंप शेड, गुलदस्ता, फ्लावर पॉट, पायदान, वॉल हैंगिंग, पेंटिंग, पेन स्टैंड आदि बनाना सिखाया। राष्ट्रीय सेवा योजना प्रभारी इकाई प्रथम प्रोफेसर अलका तिवारी ने बताया नहीं बताया किस प्रकार की प्रशिक्षण कार्य बच्चों में सृजनात्मक शक्ति का विकास करते हुए उन्हें सकारात्मक दिशा प्रदान करते हैं।

तथा वस्तुओं के सही व उचित सदुपयोग के लिए प्रेरित करते हैं उन्होंने बताया कि इसी श्रृंखला महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दृष्टि से शिविर के चौथे दिवस कल महिलाओं को बुनाई ,सिलाई, कढ़ाई,क्रोशिया , ब्लॉक प्रिंटिंग छापा कला आदि का प्रशिक्षण शिविर में दिया जाएगा।
दीपांजलि एवं सुप्रिया गुप्ता प्रवक्ता स कॉलेज मेरठ ने स्थानीय बालक बालिकाओं को प्राचीन प्रेरक कहानी सुना कर उनमें नैतिकता के भावों का प्रसार किया। कार्यक्रम के आयोजन में करुणा देवी (जाटनी अम्मा जी) एवं स्थानीय नागरिकों का सहयोग सराहनीय रहा। इस अवसर पर डॉक्टर संजय, छात्र स्तर पर भारती, यश, अशरफ, सार्थक, वृंदा,तेजस का योगदान सराहनीय रहा।

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