डिपार्टमेंट ऑफ़ हैप्पीनेस में आकर मैं बहुत प्रसन्न हुआ”- डॉक्टर र पास्टर ऑलगुल्स, फिलिपींस

Blog

कला और तकनीक का सहसंबंध अटूट है” प्रोफेसर आर पास्टर ऑलगुल्स फिलिपींस

प्रौद्योगिकी कल को नवीन नवाचारों से जोड़ती है”” प्रोफेसर आर पास्टर ऑलगुल्स फिलिपींस

फिलीपींस विश्वविद्यालय फिलिपींस से ललित कला विभाग चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में आर्ट एंड टेक्नोलॉजी पर व्याख्यान के लिए आए मुख्य वक्ता प्रोफेसर आर. पास्टर आलगुलस ने विद्यार्थियों को “आर्ट एंड टेक्नोलॉजी”विषय पर विस्तार से व्याख्यान देने के पश्चात “डेमोंसट्रेशन”भी दिया तथा विभाग के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के साथ “ग्रुप डिस्कशन” भी किया। ललित कला विभाग में प्रदर्शनी को देखकर और विभाग के कलाकारों को देखकर उन्होंने कहा कि ललित कला विभाग का नाम ” डिपार्मेंट आफ हैप्पीनेस” होना चाहिए। कार्यक्रम संयोजक का प्रोफेसर अलका तिवारी ने बताया कि कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला के दिशा निर्देशन एवं नेतृत्व में ललित कला विभाग द्वारा कला के क्षेत्र में सदैव सराहनीय कार्य निरंतर आयोजित किया जा रहे हैं।

कुलपति महोदया का मार्गदर्शन युवा कलाकारों के कला उत्साह को बढ़ाता है। विश्वविद्यालय के सौंदर्यीकरण तथा ललित कला विभाग की भवन पर की गई चित्रकारी को देखकर फिलिपींस विश्वविद्यालय फिलिपींस से आए अतिथि वक्ता प्रोफेसर आर पास्टर ऑलगुलस गदगद हो गए उन्होंने कहा कि यहां आकर मुझे भारत की विभिन्न पारंपरिक कलाओं तथा इसके अतिरिक्त टेक्नोलॉजी से सीधे-सीधे जुड़ी हुई अप्लाई इंस्टॉलेशन आर्ट, ग्राफिक आर्ट , एडवर्टाइजमेंट आर्ट, डिजिटल आर्ट, स्टोरी इलस्ट्रेशन आर्ट, मिक्स मीडिया आर्ट आदि को देखकर बहुत ही प्रसन्नता हुई। युवा कलाकारों की कलाकृतियों में कला के साथ-साथ टेक्नोलॉजी का जिस प्रकार से सामंजस्य से किया गया वह देखने लायक है।R. Paster Allgulles ने विद्यार्थियों को “कला और तकनीक के अद्भुत समन्वय” पर व्याख्यान दिया उन्होंने कहा ठीक हैऔद्योगिक क्रांति ने नई तकनीकें लाईं, जिन्होंने कलात्मक प्रथाओं को बदल दिया। फोटोग्राफी एक नए माध्यम के रूप में उभरी, जिसने कला और प्रतिनिधित्व की पारंपरिक धारणाओं को चुनौती दी। इसने कलाकारों को अभूतपूर्व सटीकता के साथ दुनिया को कैद करने की अनुमति दी। इससे यथार्थवाद और प्रभाववाद जैसे नए आंदोलन सामने आए। कला और प्रौद्योगिकी के संयोजन का सबसे बड़ा उदाहरण फिल्म प्रौद्योगिकी का विकास है, क्योंकि सिनेमा एक शक्तिशाली कला रूप है जो दृश्य कहानी कहने को तकनीकी नवाचार के साथ जोड़ता है।।भविष्य में कोलैबोरेशन की संभावनाएं: मुख्य अतिथि ने ललित कला विभाग के समन्वयक से भविष्य में फिलीपींस विश्वविद्यालय के साथ सहयोग (कोलैबोरेशन) पर चर्चा की।
साथ ही विभाग के सभी छात्र-छात्राएं इस कार्यक्रम का हिस्सा बने और उन्होंने कला एवं तकनीक के गूढ़ विषयों पर अंतर्दृष्टि प्राप्त की है।


कार्यक्रम संयोजिका प्रोफेसर अलका तिवारी (समन्वयक, ललित कला विभाग) ने मुख्य अतिथि का पुष्प गुच्छ और पटका भेंट कर स्वागत किया।
तथा पारंपरिक लोक कला ऑन चित्र भी उनको भेंट किए गए। उन्होंने भविष्य में भी पुनः विभाग में आने की पेशकश की।


इस अवसर पर बतौर विशिष्ट अतिथि डॉ मिलिंद ने युवा कलाकारों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को विदेशी वक्ताओं के माध्यम से विदेशी कला और तकनीक के क्षेत्र में हो रहे क्रांतिकारी परिवर्तनों समृद्ध ज्ञान प्राप्त होता है। ललित कला विभाग के विद्यार्थियों द्वारा कला और तकनीक पर आयोजित किया गया अतिथि व्याख्यान, डेमोंसट्रेशन तथा समूह चर्चा में विद्यार्थियों द्वारा जिस उत्साह और प्रसन्नता के साथ अपने विचारों का आदान-प्रदान किया गया वह प्रशंसनीय है। इस अवसर पर विभाग के समस्त शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे कार्यक्रम की आयोजन में डॉक्टर शालिनी धामा डॉ रीता सिंह डॉक्टर पूर्णिया वशिष्ठ, मिस्टर खालिद, डॉ संजय विष्णु छात्र स्तर पर रिद्धिमा,खुशी, निशा, युगांशी फैजा, नव्या, शुभम आदि का विशेष योगदान रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *