सामाजिक व वैश्विक मुद्दों के प्रति जागरुक ललित कला विभाग चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के शिक्षको का विद्यार्थियों ने “विश्व वन्य जीव-जंतु दिवस” के अवसर पर वन्य जीव जंतु संरक्षण जागरुकता अभियान का वृहद स्तर पर आयोजन किया। जिसमें विद्यार्थियों ने वन्य जीव जंतु पर प्रेरक और सुंदर सजीव चित्र बनाकर जनसमूह को जीव जंतुओं की सुरक्षा उनकी देखरेख के प्रति जागरुक किया।
चित्रों में हिरण, गाय, पक्षियों, जंगली जानवरों फालतू पक्षी व जानवरों को विभिन्न रुपों में बनाकर उन्हें मानव जीवन का अभिन्न अंग दर्शाया। कार्यक्रम संयोजिका प्रोफ़ेसर अलका तिवारी समन्वयक ललित कला विभाग ने विद्यार्थी को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरणीय चक्र को संतुलित रखने तथा पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए वन्य जीव जंतुओं का होना बहुत आवश्यक एवं जीवन की सुरक्षा के लिए वन्य जीव जंतु ,पशु पक्षी अत्यंत आवश्यक है मानव जीवन की बहुत सी आवश्यकताएं जीव जंतु पर ही निर्भर करती है। वन्य जीव जंतु और मानव दोनो एक दूसरे के पूरक हैं जीव जंतु जहां हमारी आवश्यकता को पूरी करते हैं वही हमारा उत्तरदायित्व बनता है कि हमें भी उनकी देखरेख उनकी सुरक्षा का ख्याल रखना चाहिए। भारतीय संस्कृति की परंपरा और धर्म में भी वंयजीव जंतु को बराबरी का दर्जा दिया गया है इसी पर आधारित चित्र श्री रामजी द्वारा घायल जटायु को सहलाते हुए पानी पिलाते हुए बहुत सुंदर रुप में पीयूष द्वारा चित्रित किया गया है। सरकार द्वारा भी इस दिशा में सदेव से ही बेहतरीन प्रयास किए जा रहे हैं। कार्यक्रम में विभाग के सभी छात्र छात्राओं तथा अन्य विभागों से भी विद्यार्थीयों ने भाग लिया इस अवसर पर विभाग के समस्त शिक्षक कर्मचारीयों व विद्यार्थीयों ने प्रतिभाग किया “विश्व वंयजीव जंतु दिवस” कार्यक्रम के आयोजन में डॉ शालिनी धामा डॉ रीता सिंह डॉ पूर्णिमा वशिष्ठ का विशेष योगदान रहा। अतिथि प्रवक्ता संजय कुमार ,आकाश कुमार ,खालिद, विष्णु तथा प्रियंका सैनी आगे उपस्थित रहे। रिद्धिमा के पक्षियों के चित्र तथा राहुल के जंगल में हीरनो का विचरण करते चित्र को भरपूर सराहना मिली। वही शुभम के वंयजीव जंतुओं को एक साथ विचरण करते हुए चित्र को सभी के द्वारा पसंद किया गया। चित्रों में हाथी घोड़ा ,हिरन, कौवा, खरगोश, गौरैया तथा जिराफ के बहुत ही सुंदर सजीव चित्रण बनाई जिसे जनसमूह द्वारा बहुत पसंद किया गया।