विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर, एक विशेष ऑनलाइन जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य युवाओं और समाज को तंबाकू के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना था। यह कार्यक्रम गूगल मीट के माध्यम से दोपहर 4 बजे आयोजित किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, सुप्रसिद्ध ऑन्कोलॉजिस्ट और तंबाकू विरोधी अभियानकर्ता डॉ. उमंग मित्तल रहे, जिन्होंने तंबाकू की लत के कारण होने वाले दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं में प्रारंभिक सेवन के खतरों और इसके सामाजिक असर को रेखांकित किया।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत नशा मुक्त भारत अभियान की जिला ब्रांड एंबेसडर नेहा वत्स कक्कड़ ने बताया कि किस प्रकार समुदाय एकजुट होकर इस सामाजिक बुराई के खिलाफ आवाज़ उठा सकते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को जागरूक रहने और दूसरों को प्रेरित करने का आह्वान किया।
ड्रग्स और तंबाकू के नुकसान पर चर्चा
1. शारीरिक स्वास्थ्य पर असर: फेफड़ों, दिल, लिवर और मस्तिष्क को गंभीर नुकसान।
2. मानसिक समस्याएं: तनाव, डिप्रेशन, चिंता और व्यवहार में बदलाव।
3. पढ़ाई में बाधा: एकाग्रता में कमी, स्कूल ड्रॉपआउट का खतरा।
4. सामाजिक रिश्तों में दरार: परिवार, दोस्तों और समाज से दूरी।
5. कानूनी परेशानियां: नशे से जुड़ी गतिविधियां अक्सर गैरकानूनी होती हैं।
बचाव के उपाय (किशोर अवस्था के बच्चों के लिए) विशेष
1. जल्दी जागरूकता: स्कूलों और घर में नशे के खतरे के बारे में खुलकर बात करना।
2. अच्छे रोल मॉडल बनें: माता-पिता और शिक्षक सकारात्मक उदाहरण पेश करें।
3. खेल और रचनात्मक गतिविधियां: बच्चों को रचनात्मक और खेलकूद में व्यस्त रखें।
4. दोस्ती पर ध्यान: बच्चों के दोस्तों और संगत पर नज़र रखें।
5. मनोवैज्ञानिक सहयोग: यदि कोई बच्चा मानसिक दबाव में है, तो उसे काउंसलिंग की मदद दिलाएं।
इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों ने ऑनलाइन शपथ भी ली:
🚭 तंबाकू को कहें ना 🚭
“मैं तंबाकू के सभी रूपों को सख्ती से ना कहने की शपथ लेता/लेती हूँ।
मैं ‘Bright Products’ के पीछे छुपी ‘Dark Intentions’ को समझता/समझती हूँ।
मैं ‘Unmasking the Appeal’ के इस अभियान का हिस्सा बनते हुए
स्वास्थ्य को दिखावे से ऊपर,
सच्चाई को चलन से ऊपर,
और ज़िंदगी को झूठ से ऊपर चुनता/चुनती हूँ।
मैं वचन देता/देती हूँ कि मैं न सिर्फ स्वयं तंबाकू से दूर रहूंगा/रहूंगी,
बल्कि दूसरों को भी इसके खतरे समझाकर
एक तंबाकू-मुक्त समाज के निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाऊंगा/निभाऊंगी।”
कार्यक्रम में अंत में say no to tabacco की जागरूकता हेतु संयुक्त तत्वाधान में होने वाले हैकेथन कार्यक्रम की सूचना दी।
जागरूकता अभियान समाज को एक नई दिशा देने की ओर एक सार्थक कदम रहा। प्रो. दीक्षा यजुर्वेदी, विनीता आर्या, डॉ वाग्मिता त्यागी, प्रियांशु रस्तोगी, तरुण गुप्ता, अर्पित भारद्वाज, हिमांशु गोयल, डॉ सर्वेश गुप्ता, राकेश जोशी,मो. नोमान, मोहित पाहवा, गुरमीत सिंह, अर्पित गुप्ता की विशेष उपस्थिति के साथ संस्था से सभी सदस्य उपस्थित रहे।
